सच्चा मित्र वही है जो मित्र के दुख में काम आता आता है। वह मित्र के बहुत छोटे से छोटे कष्ट को भी मेरु पर्वत के सामान भारी मानकर उसकी सहायता करता है। मित्र सुख-दुख का साथी है। वह केवल दुख में ही नहीं सुख में भी खुशियां बांटता है।
सच्चे दोस्त हमेशा एक-दूसरे का ख्याल रखते हैं। सच्ची दोस्ती में स्वार्थ की कोई जगह नहीं होती।